दिवाली यह पांच दिनों का त्यौहार है -1 धनतेरस ,2 नरक चतुर्दशी ,3 लक्ष्मी पूजन , 4 गोवर्धन पूजन , 5 भाई दूज। लक्ष्मी पूजन के दिन किया गया हर काम शुभ और शीघ्र फलदायी होता है।
दिवाली के दिन सुख , सौभाग्य और समृधी पाने के लिए लक्ष्मी पूजन की विधी घर की साफ़ सफाई , सजावट कैसी होनी चाहिए। यह आज हम आपको बताने जा रहे है।
दिवाली के दिन सुख , सौभाग्य और समृधी पाने के लिए लक्ष्मी पूजन की विधी घर की साफ़ सफाई , सजावट कैसी होनी चाहिए। यह आज हम आपको बताने जा रहे है।
दिवाली से पहले की तैयारी
- दिवाली के अवसर पर घर की सजावट से पहले घर के हर एक कोने और कमरे की अच्छी तरह से साफ़ सफाई करे ,जिससे स्वस्छता और सकारात्मक ऊर्जा घर में आये।
- घर की पुरानी बंद पडी घड़ियों , बिना जरूरत की चीजो को और बंद पड़े इलेक्ट्रॉनिक सामान को घर से बाहर निकाल दे।
- घर को ज्यादा से ज्यादा खुला और रोशनी से भरपूर रखने की कोशिश करे।
- घर में जरूरत से अधिक फर्नीचर और डेकोरेटिव आइटम्स ना रखे।
- मकान के हर एक कमरे की दीवार और सीलिंग को रंगवाने की कोशिश करे।
- सफाई के बाद पूरे घर में नमक मिले पानी से पौछा लगाए ,ऐसा करने से गंदगी के साथ साथ घर की नकारात्मकता भी दूर हो जाती है।
- फर्श के साथ साथ फर्नीचर और अलमारी ,तिजोरी आदि की भी नमक मिले पानी से सफाई करे।
- आखिर में घर में शुद्धीकरण के लिए कमरे में सुगन्धित अगरबत्ती , धुप बाती और कपूर जलाना न भूले।
कैसे करे मुख्य द्वार की सजावट
- साफ़ सफाई :- दिवाली के दिन घर के मुख्य दरवाजे के आस पास और सामने वाली जगह की अच्छी तरह से सफाई करे।
- स्वस्तिक चिन्ह :- मुख्य दरवाजे के दिनों तरह सिल्वर स्वस्तिक के चिन्ह लगाए। यह स्वस्तिक के चिन्ह घर में नकारात्मक ऊर्जा को आने से रोकते है।
- अस्थमंगला चिन्ह :- स्वस्तिक के चिन्ह के साथ साथ अस्थमंगला (बाजार में आसानी से उपलब्ध) भी मुख्य दरवाजे पर लगाना न भूले।
- रंगोली :-घर के मुख्य दरवाजे के सामने और आस पास की खाली जगह पर रंगली बनाना न भूले। रंगोली के लिए खासकर समुद्री नमक का इस्तेमाल करे। इसके इस्तेमाल से घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है।
- लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा :-मुख्य दरवाजे के ऊपर लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा जरूर लगाए।
- मिट्टी के दिए :- अपने मुख्य द्वार की चोखट पर मिट्टी के दिए जरूर रखे। यदि ये दिए आप रंगोई पर भी रखेगी तो बहुत सूंदर दिखेगा।
- पदचिन्ह :- लक्ष्मी माता के स्वागत के लिए घर के मुख्य द्वार से लेकर घर के मंदिर तक लक्ष्मी माता के पदचिन्ह जरूर लगाए। ऐसा प्रतीत होना चाहिए जैसे लक्ष्मी माता आपके घर आ रही है।
- तोरण( बंदनवार ) :- आखिर में गंदे के फूल और आम के पत्तो से बना तोरण घर के मुख्य द्वार पर लगाए। यह बंदनवार सूख और सोभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
- पानी से भरा बाउल :- ताजे पानी से भरे बाउल में गुलाब की पंखुड़िया डालकर घर के मुख्य द्वार के पास पूर्व या उत्तर दिशा में रखे। ऐसा करने से घर में सोभाग्य बढ़ता है और कमरे की रौनक भी दोगुनी हो जाती है।
- शुभ चिन्ह :- घर के अंदर पूर्व या उत्तर दिशा के दीवार की तरफ ,ॐ का चिन्ह या स्वस्तिक , शुभ लाभ जैसे शुभ चिन्ह लगा सकते है।
- दीपक की रंगोली :-मुख्य द्वार के भीतर दक्षिण पूर्व दिशा में मिट्टी के दीपक से रंगोली बनाये। इससे घर बहुत आकर्षक दिखेगा और सुख भी बढेगा।
- सौ रुपये के नोट पर रखे बाउल :- दक्षिण पूर्व दिशा में ताजे पानी से भरे बाउल को सौ रुपये के नोट के ऊपर रखे। इससे आपके व्यापार में भी बहुत बढ़ोतरी होती है।
- फूलो की सजावट :-दक्षिण पश्चिम दिशा में मिट्टी से बने फ्लावर पॉट में पीले रंग के फूल रखे। ऐसा करने से घर में बरकत होती है।
- पिग्गी बैंक :- पश्चिम दिशा में पिग्गी बैंक रखे और दिवाली के दिन से ही उसमे पैसे डालना शुरू करे। ऐसा करने से घर में धन की कमी नहीं रहती है।
रंगोली से सजावट
रंगोली का इस्तेमाल मेहमानों के स्वागत के लिए किया जाता है। परंतु दिवाली के दिन रंगोली का इस्तेमाल माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए किया जाता है। दिवाली पर रंगोली को शुभ फल की प्राप्ति के लिए बनाया जाता है।- यदि घर के मुख्य द्वार पूर्व दिशा में है तो रंगोली बनाते पीले रंग का अधिक इस्तेमाल करे।
- यदि आपका मुख्य दरवाजा उत्तर या उत्तर पूर्व की तरफ है तो हरे और पीले रंग से रंगोली बनाये।
- दक्षिण पूर्व दिशा वाले मुख्य द्वार पर लाल रंग से रंगोली बनाये। .
- यदि मुख्य द्वार दक्षिण या दक्षिण पश्चिम दिशा में है तो रंगोली बंनाने के लिए लाल और नीला रंग चुने।
- रंगोली बनाते समय समुद्री नमक का इस्तेमाल करे। ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
- बाजार में मिलने वाली रंगोली के बजाय आप घर पर ही रंगों से रंगोली बनाये।
- बाजर में मिलने वाली रंगोली जिसमे भगवान् की तस्वीरे हो उन्हें भूल से भी जमीन पर ना लगाए।
- इसी तरह से फर्श पर भी रंगों से स्वास्तिक और ॐ बनाने की गलती कभी न करे।
वास्तु शास्त्र के अनुसार लक्ष्मी पूजन की विधि
कौन से स्थान पर करे पूजन
- मकान की उत्तर दिशा धन और सम्पति की सूचक मानी जाती है। इसलिए इस दिशा में लक्ष्मी पूजन करना बहुत ही शुभ होता है और यह पूजा बहुत ही जल्दी फलदायी मानी जाती है।
लक्ष्मी पूजन की तैयारी
- सबसे पहले भगवान् जी की मूर्ति जैसे लक्ष्मी माता , गणेश जी , कुबेर और इंद्र देव इन सभी को ने साफ़ और सूखे कपडे से अच्छी से साफ़ कर ले।
- मूर्तियों को पूजा घर में उत्तर दिशा की तरफ रखे।
- मूर्तिया रखते समय सबसे पहले माता लक्ष्मी फिर गणेश जी और फिर कुबेर और इंद्र भगवान की मुर्तिया रखे।
- एक ही भगवान की दो मुर्तिया पूजा घर में ना रखे।
- पूजा घर में पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ पानी से भरा एक कलश रखे।
लक्ष्मी पूजन की विधि
- देशी घी का दीपक , धूप बत्ती , अगरबत्ती और कपूर जलाकर पूजा की शुरुआत करे।
- सबसे पहले गणेशजी की पूजा करे।
- गणेशजी की पूजा के बाद नवग्रह की पूजा करे।
- इसके बाद माता लक्ष्मी जी का आवाहन करे।
- माता लक्ष्मी की मूर्ति को पंचामृत से स्नान करवाये।
- इसके बाद लक्ष्मी जी की मूर्ति को गंगा जल से भरे बर्तन में डुबोकर साफ़ सूखे कपडे से साफ़ कर ले।
- अब माता की मूर्ति की स्थापना करे और उनको तिलक लगाकर उन्हें फूल चङाये।
- माता लक्ष्मी को कपडे और श्रंगार की सारी सामग्री चढाये।
- फिर धूप और दीप दिखाते हुए लक्ष्मी कथा को पड़े।
- लक्ष्मी माता को भोग चढाये और पूरे श्रद्धा भाव से उनकी आरती करे।
- आखिर में एक बार फिर से उन्हें फूल चढाते हुए हाथ जोड़ कर उनसे प्राथना करे।
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